ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं? | Types of Trading style in share market in Hindi
शेयर मार्केट मे 80 प्रतिशत लोगों को पता होता है की शेयर बाजार में ट्रेडिंग क्या है? और बहोत लोग ट्रेडिंग करते भी है लेकिन ट्रेडिंग मे उन्हे ज्यादातर हानी ही होती है, हानी होने का सबसे बडा कारण है की वो ऐसा ट्रेडिंग स्टाइल चुन लेते है जो उनके व्यक्तित्व के अनुकूल नहीं है।
अगर आप ट्रेडिंग करके अच्छा पैसा कमाना चाहते है तो आपको अपने व्यक्तित्व के अनुकूल ट्रेडिंग स्टाइल चुनना पड़ेगा और आज आपको इस लेख मे मै आपको ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है पूरा विस्तार मे बताऊँगा।
Table of Contents
शेयर बाजार मे ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?
शेयर बाजार मे ट्रेडिंग करने के तो बहोत से प्रकार है लेकिन आप जब ट्रेडिंग करने जाएंगे तो आपको ट्रेडिंग करने की 2 ही विकल्प दिखेगा जिसमे इंट्राडे टेडिंग और डेलेवेरी ट्रेडिंग, इन्ही दोनों विकल्पों मे ट्रेडर् अलग-अलग तरीके से ट्रेड करके ट्रेडिंग के कई सारे प्रकार बना दिए जो ट्रेडिंग करने को समय सीमा के आधार पर चार भागों स्कालपिंग ट्रेडिंग, इंट्राडे ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग और पॉजिसनल ट्रेडिंग मे बाटा गया है।
इंट्राडे ट्रेडिंग
इंट्राडे ट्रेडिंग को डे ट्रेडिंग भी कहा जाता है इस ट्रेडिंग की समय सीमा मार्केट खुलने से लेकर बंद होने तक रहती है मतलब जब मार्केट 9 बजकर 15 खुलता है तब से लेकर हम चाहे जीतने भी शेयर खरीद और बेच सकते जब तक मार्केट 3 बजकर 30 मिनट मे बंद ना हो जाए यह ट्रेडिंग मे रिस्क कम रहता है।
स्कालपिंग ट्रेडिंग
स्कालपिंग ट्रेडिंग को करने की समय सीमा बहोत छोटी होती है इस ट्रेडिंग को हम इंट्राडे या फ्यूचर और ऑप्शन मे करते है, स्कालपिंग ट्रेडिंग को कुछ सेकंड से लेके कुछ मिनट तक किया जाता है और इस ट्रेडिंग मे अच्छा लाभ विशेषज्ञ ट्रेडर ही कर पाते है अगर आप ट्रेडिंग के क्षेत्र मे नए है तो स्कालपिंग ट्रेडिंग ना करे।
डिलवरी ट्रेडिंग
इस ट्रेडिंग मे हम शेयर को 1 हफ्ते से लेकर 1 तक होल्ड करते है इसमे भी लोग अलग अलग तरह से ट्रेडिंगत करते है जैसे - स्विंग ट्रेडिंग या पॉजिसनल ट्रेडिंग कुछ लोग न्यूज के बेस पे शेयर की डिलवरी ले लेते है और जब तक मार्केट Uptrend मे रहता है तब तक शेयर को होल्ड करते है और जब मार्केट नीचे जाने लगता है तब बेच देते है।
स्विंग ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग मे लोग 1 सप्ताह से कुछ महीने के अंदर शेयर खरीदते और उसे बेच कर लाभ कमा लेते है, स्विंग ट्रेडिंग मे इंट्राडे ट्रेडिंग के मुकाबले कम हानी होने का डर रहता है अगर आप ट्रेडिंग के क्षेत्र मे नए है और आपको टेक्निकल अनालीसिस सही से नहीं आता तब भी आप इसमे थोड़ा सा रिस्क लेके ट्रेडिंग कर सकते है।
पॉजिसनल ट्रेडिंग
यह ट्रेडिंग स्टाइल सबसे कम रिस्की होता है इसमे लोग 1 सप्ताह से लेकर 1 वर्ष के बीच ट्रेड करते है लेकिन इस ट्रेडिंग ऐसे कंपनी के शेयर चुना जाता जो कंपनी फन्डमेनल मजबूत होती है इसमे रिस्क सबसे ज्यादा कम होता है लेकिन इसमे ट्रेड करने से पहले फन्डमेनल अनलीसीस करनी होती है।
ट्रेडिंग करने के अन्य प्रकार
हमने ऊपर बताया ट्रेडिंग मे हम कितने समय के लिए ट्रेड करते है उसके हिसाब से ट्रेडिंग को 4 भागों मे बाटा गया है लेकिन मार्केट मे अन्य प्रकार से भी ट्रेडिंग की जाती है। जैसे -
- टीवी न्यूज़ ट्रेडिंग
- एल्गो ट्रेडिंग
- मोमेंटम ट्रेडिंग
- BTST ट्रेडिंग
- STBT ट्रेडिंग
- आर्बिट्राज ट्रेडिंग
आप शेयर मार्केट मे डिलीवरी ट्रेडिंग और मार्जिन ट्रेडिंग का नाम भी सुने होंगे, डिलीवरी ट्रेडिंग को हम पॉजिसनल ट्रेडिंग भी बोलते है और मार्जिन ट्रेडिंग को इंट्राडे या डे ट्रेडिंग समझ सकते है क्युकी इंट्राडे ट्रेडिंग मे हमे मार्जिन मिलता है।
उदाहरण - जैसे मान लीजिए आप इंट्राडे ट्रेडिंग करना चाहते है और आपके पास कम पैसे है तो आप मार्जिन लेके भी आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते है इसी को मार्जिन ट्रेडिंग कहा जाता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग मे हम जितना पैसा लगते है उसका 5 गुने का मार्जिन हमे मिल जाता है।
टीवी न्यूज़ ट्रेडिंग
शेयर बाजार मे न्यूज की वजह से शेयर के दामों मे जो उतार चढ़ाव आते है उसका फायदा उठाकर ट्रेडिंग करने को न्यूज ट्रेडिंग कहते है।
एल्गो ट्रेडिंग
एल्गो ट्रेडिंग एक खास तरह की ट्रेडिंग होती है जिसमे कंप्युटर प्रोग्राम आपके आदेश पर ट्रेड करता है, शेयर को किस दाम पे खरीदना है और किस दाम पे बेचना है यह सब एल्गो ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर अपने से करता है बस शुरुआत मे हमे इसे निर्देश देना होता है की कब बेचना है और कब खरीदना है।
मोमेंटम ट्रेडिंग
जब किसी शेयर मे Breakout होता है तो उस Breakout पर ट्रेडिंग करने को मोमेंटम ट्रेडिंग कहते है, Breakout कई प्रकार के होते है जैसे की -
- Chat pattern Breakout
- Price Breakout
- Volume Breakout
- Candlestick pattern Breakout
BTST और STBT ट्रेडिंग
BTST और STBT का मतलब Buy Today Sell Tomorrow और Sell Today Buy Tomorrow होता है इसमे शेयर को आज के दिन के आखरी candle मे खरीदा या बेचा जाता है और अगले दिन बाजार की आज के candle के क्लोज़ प्राइस से ज्यादा या कम ओपन होता है इसका फायदा उठाने को BTST और STBT ट्रेडिंग कहते है।
आर्बिट्राज ट्रेडिंग
बहोत सारी कॉम्पनिया ऐसी होती है जो एक से अधिक स्टॉक एक्सचेंज मे लिस्टिड होती है और कई बार अलग अलग स्टॉक एक्सचेंज उन कॉम्पनियों के शेयर के दामों मे बहोत अंतर होता है इसी का फायदा उठाकर ट्रेडिंग करना आर्बिट्राज ट्रेडिंग कहलाता है।
उदाहरण - जैसे मान लीजिए को एबीसी कंपनी का शेयर है जिसका दाम बीएसई मे 100 रुपये है और एनएसई मे 108 रुपये है तो आप बीएसई से उस शेयर को खरीदकर एनएसई मे बेच सकते है।
कौन सा ट्रेडिंग सबसे अच्छा है?
ट्रेडिंग करने का कोई भी तरीका ना तो बहोत अच्छा होता है नहीं बहोत बुरा होता है बल्कि आपकी बाजार से उम्मीदे, बाजार की जानकारी और रिस्क लेने की क्षमता के अनुसार ट्रेडिंग स्टाइल आपके लिए सही या गलत हो सकता है।
एक अच्छा ट्रेडिंग स्टाइल चुनने के लिए आपको आपके भावनाओ, टेक्निकल अनालीसिस की जानकारी और ट्रेडिंग मनोविज्ञान का अनालीसिस करना पड़ता है यह जानने के लिए की कौन सा ट्रेडिंग स्टाइल आपके लिए अच्छा है।
ट्रेडिंग के शुरुआत मे आप सभी ट्रेडिंग स्टाइल को कोशिश करके जरूर देखे और इसके बाद यह अनालीसिस करिए की कौन से ट्रेडिंग स्टाइल मे आपका सफलता डर सबसे अच्छा है उसके बाद जिस ट्रेडिंग स्टाइल पर आपको पूरा विश्वास हो की आप उसे सही तरीके से कर सकते है उसी ट्रेडिंग स्टाइल को चुनिये।

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