स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है भारत में कितने स्टॉक एक्सचेंज या शेयर बाजार है | स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है?
जब बात शेयर मार्केट में पैसे निवेश करने की आती है तो स्टॉक एक्सचेंज नाम सुनने को मिलता है लेकिन क्या आपको पता है स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है, स्टॉक एक्सचेंज काम कैसे करता है और इसका इतिहास क्या है अगर आपको यह सब नहीं पता तो इस लेख को आप पूरा पढ़िए इसमें आपको स्टॉक एक्सचेंज के बारे में पूरा विस्तार से बताया जाएगा।
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स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है?
स्टॉक एक्सचेंज को शेयर बाजार भी बोला जाता है एक ऐसा बाजार जहाँ पर कोई भी कंपनी का मालिक अपनी कंपनी का शेयर बेचता है और निवेशक उस शेयर को खरीदते है, स्टॉक एक्सचेंज में शेयर्स के अलावा बांड्स, म्युचअल फण्ड, डिबेंचर, डेरिवेटिव्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटी भी ट्रेड होती है ।
स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी क्यों जुड़ती है?
जब कोई भी कंपनी का मालिक अपना व्यापर और बढ़ाना चाहते है तो उन्हें पैसो की जरुरत होती है यदि उस कंपनी के मालिक के पास उतना पैसा ना हो तो कंपनी का मालिक पैसा इक्क्ठा करने के लिए अपने कंपनी का शेयर बेचने के लिए किसी भी स्टॉक एक्सचेंज से जुड़ता है इस प्रक्रिया को आई पी ओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) बोलते है।
भारत में कितने स्टॉक एक्सचेंज या शेयर बाजार है?
पहले भारत में 23 स्टॉक एक्सचेंज थे लेकिन वर्तमान में 7 एक्टिव स्टॉक एक्सचेंज रह गए है।
- National Stock Exchange of India (NSE)
- Bombay Stock Exchange (BSE)
- Multi Commodity Exchange of India Limited (MCX)
- National Commodity and Derivatives Exchange Limited (NCDEX)
- India Commodity Exchange Limited (ECX)
- The Universal Commodity Exchange (UCX)
- Metropolitan Stock Exchange of India (MSE)
Metropolitan Stock Exchange 15 सितम्बर 2022 तक की मान्यता है 15 सितम्बर 2022 के बाद शायद इस स्टॉक एक्सचेंज को भी बंद कर दिया जाय
भारत के लोकप्रिय स्टॉक एक्सचेंज
भारत में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज दो लोकप्रिय स्टॉक एक्सचेंज या शेयर बाजार है, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में लगभग 6000 कम्पनियाँ और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में लगभग 2000 कंपनी लिस्टेड यानि जुडी हुई है।
स्टॉक एक्सचेंज में निवेश के तरीके
स्टॉक एक्सचेंज में दो तरीको से निवेश या शेयर ख़रीदा जाता है पहला प्राइमरी मार्केट से और दूसरा सेकेंडरी मार्केट से -
प्राइमरी मार्केट
जब कोई भी कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में पहली बार लिस्ट होती है तो उसे (आईपीओ) इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग बोलते है इसमें निवेशक डायरेक्ट कंपनी से शेयर खरीद कर निवेश करते है इसी को प्राइमरी मार्केट कहा जाता है।
सेकेंडरी मार्केट
स्टॉक एक्सचेंज सेकेंडरी मार्केट होता है, प्राइमरी मार्केट यानी आईपीओ में ख़रीदे हुए शेयर स्टॉक एक्सचेंज में जब लिस्ट हो जाता है तब हम उसे स्टॉक एक्सचेंज में बेच सकते है, सेकेंडरी मार्केट में शेयर को निवेशक ही एक दूसरे से शेयर को खरीदते और बेचते है इसमें कंपनी शामिल नहीं होती है।
स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है?
पहले स्टॉक एक्सचेंज से कोई भी निवेशक शेयर खरीदता था तो उसे स्टॉक या शेयर खरीदने पर शेयर के पेपर बना के देते थे ताकि बाद में निवेशक साबित कर सके की उन्होंने किसी कंपनी का शेयर ख़रीदा है और ट्रेडिंग भी आमने सामने बैठकर होती थी, लेकिन इंटरनेट के आ जाने से अब सारा काम इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होता है, वर्तमान समय में आपको किसी भी स्टॉक एक्सचेंज से शेयर खरीदने के लिए डीमैट अकाउंट खुलवाना पड़ता है।
जब भी आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते है तो उसका डाटा आपके डीमैट अकाउंट में सेव रहता है आप जब तक चाहे ख़रीदे हुए शेयर को होल्ड करके रख सकते है और जब आपका मन करे उसे बेच सकते है।
ये रही शेयर खरीदने की बात ऊपर आपने पढ़ा होगा स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी कैसे लिस्ट होती है लेकिन इतना आसानी से लिस्ट नहीं होती स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी लिस्टिंग का काम गोवेर्मेंट की संस्था सेबी के द्वारा किया जाता है इस लिए स्टॉक एक्सचेंज में कोई भी फ्रॉड कंपनी लिस्ट होने का डर नहीं रहता और डीमैट अकाउंट को भले ही किसी ब्रोकर द्वारा खुलवया जाता है लेकिन डीमैट अकाउंट भी गोवेर्मेंट के पास होता है क्युकी भविष्य में अगर आपकी ब्रोकर कंपनी बंद भी हो जाती है तो आपका डीमैट अकाउंट एकदम सेफ रहेगा।
स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास
शेयर मार्केट की शुरुआत आज से लगभग 400 वर्ष पहले हुई थी, 16वीं सदी में डच ईस्ट इंडिया नाम की कंपनी नीदरलैण्ड में थी उस जामने में लोग एक देश से दूसरे देश में जहाजों की मदत से व्यापार करते थे लेकिन जहाजों से व्यापार करने में पैसे बहोत खर्च होते थे।
और इतना पैसा किसी एक इंसान के पास नहीं हुआ करता था तो कंपनी ने लोगो को ऑफर दिया, आओ हमारी जहाजों में पैसा लगाओ और जब भी यह जाहजे दूसरे देश में जाके व्यापार करेंगी और पैसा कमा के वापस आएँगी तो कमाये हुए मुनाफे में से आपका भी हिस्सा लगेगा।
इस तरह डच ईस्ट इंडिया नाम की कंपनी द्वारा पहला स्टॉक एक्सचेंज नीदरलैण्ड में बनाया गया था जिसको आज के समय में यूरोनेक्स्ट एम्स्टरडम स्टॉक एक्सचेंज के नाम से जाना जाता है।
भारतीय स्टॉक एक्सचेंज का इतिहास
भारत में सबसे पहला स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत सन 1875 में मुंबई के उपनगर दलाल स्ट्रीट में हुई थी जिसका नाम बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज है और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत सन 1992 में हुई थी, यह भारत का पहला स्टॉक एक्सचेंज था जो इलेक्ट्रॉनिक तरीके से शेयर्स को खरीदना और बेचना शुरू किया था।
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